किडनी का काम मुख्य रूप से शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालना है. ये यूरिया, क्रिएटिनिन, एसिड जैसे नाइट्रोजनयुक्त वेस्ट मटेरियल से ब्लड को फिल्टर करती है, लेकिन जब चोट, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या किसी कारण से किडनी डैमेज हो जाती है, तो यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती और इसमें टॉक्सिन जमा हो जाते हैं. किडनी खराब होने के लक्षण इतने मामूली होते हैं जिसे आप शुरुआत में समझ नहीं पाते. जानिए किन लक्षणों को आपको इग्नोर नहीं करना चाहिए.
कमजोरी और थकान महसूस होना
हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना किडनी की समस्या के शुरूआती संकेत हैं. जैसे -जैसे किडनी की बीमारी गंभीर होती जाती है व्यक्ति पहले से ज्यादा कमजोर और थका हुआ महसूस करता है. यहां तक की थोड़ा चलना-फिरने में भी दिक्कत महसूस होती है. ऐसा किडनी में विषाक्त पदार्थों के जमा होने के कारण होता है.
बार-बार पेशाब आना
एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति दिन में 6-10 बार पेशाब जाता है. इससे ज्यादा बार पेशाब जाना किडनी खराब होने की निशानी है. किडनी की समस्या के मामले में व्यक्ति को या तो बहुत कम बार या फिर बहुत ज्यादा बार पेशाब जाने की इच्छा महसूस होती है. ये दोनों ही स्थिति किडनी को नुकसान पहुंचाती है.
भूख न लगना
शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन घटने लगता है. हर समय पेट भरा हुआ महसूस होता है और कुछ खाने का मन नहीं करता. यह किडनी खराब होने का खतरनाक संकेत है.
टखने और पैरों में सूजन
किडनी शरीर से अपशिष्ट और अतिरिक्त सोडियम को फिल्टर करने में मदद करती है. जब किडनी ठीक से काम करना बंद कर देती है, तो शरीर में सोडियम जमा होने लगता है, जिससे टखनों और पैरों में सूजन आने लगती है.
त्वचा में ड्राईनेस और खुजली
त्वचा में ड्राईनेस और खुजली भी किडनी डिसऑर्डर का मुख्य संकेत है. ऐसा तब होता है जब किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सक्षम नहीं होती. तब ये विषाक्त पदार्थ ब्लड में जमा होने लगते हैं, जिससे खुजली और स्किन ड्राईनेस की समस्या होने लगती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें.)