कोविड और लॉकडाउन की चोट बाकी इंडस्ट्रीज की तरह मनोरंजन जगत पर भी पड़ी। असर ये हुआ कि काम की रफ्तार धीमी पड़ गई। कलाकारों ने अपनी फीस बढ़ा दी और प्रोड्यूसर्स के पास लगाने के लिए पैसा नहीं बचा। लंबे वक्त तक थिएटर भी बंद रहे जिसका नुकसान सिनेमाघर मालिकों को भुगतना पड़ा। मनोरंजन जगत से जुड़ा हर आदमी प्रभावित हुआ और कलाकारों द्वारा 100 प्रतिशत तक फीस बढ़ाए जाने का नुकसान भी नजर आया।
एक्टर्स ने 100 पर्सेंट तक बढ़ा दी है फीस
एक्टर्स द्वारा लगातार फीस बढ़ाने जाने की बात पर अब दिग्गज फिल्ममेकर करण जौहर ने प्रतिक्रिया दी है। फिल्म कंपैनियन में प्रोड्यूसर्स की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस के दौरान करण जौहर ने कहा कि कई युवा कलाकारों ने अपनी फीस 100 पर्सेंट तक बढ़ा दी है। कई कलाकार ऐसी दलील देते हैं कि उनकी पिछली फिल्में नहीं चलीं या नहीं रिलीज हुईं इसलिए उन्होंने अपनी फीस बढ़ाई है।
राइटर्स को क्यों मिलता है कम पैसा?
करण ने कहा कि ये सब कुछ तब हो रहा था जब फिल्म इंडस्ट्री प्रॉफिट बनाने के लिए मशक्कत कर रही थी और फिल्मों की शूटिंग और रिलीज रोकनी पड़ रही थी। रीमा कागती, जोया अख्तर, निखिल आडवाणी और समीर नायर जैसे दिग्गजों के साथ बैठे करण जौहर ने कहा कि टेक्नीशियन्स और राइटर्स को उनकी तुलना में बहुत कम पैसा मिलता है फिर भी उनकी डिमांड खत्म नहीं होती।
किसी एक्टर को 15 करोड़ क्यों दूं?
सभी प्रोड्यूसर्स इस बात पर सहमत हुए कि दिग्गज कलाकारों के लिए ये लॉजिक चलता है लेकिन युवा कलाकार जिन्होंने अभी इस काम में कदम भी नहीं रखा है उनके लिए ये बहुत बचकाना है। करण ने कहा, ‘इससे बेहतर होगा कि मैं टेक्निकल क्रू को पैसे दूं जो सही मायने में किसी फिल्म को खास बना देते हैं। मैं क्यों एक एक्टर को 15 करोड़ और एक एडिटर को 55 लाख रुपये दूं?’