ओलिंपिक खेल सिर्फ जीत के, हार के, रिकॉर्ड्स के ही गवाह नहीं रहे हैं वह कुछ लम्हों के भी गवाह रहे हैं जहां खिलाड़ियों ने साबित किया कि कई बार जीत अहम नहीं होती, विरोधियों को मात देना अहम नहीं होता अहम होता है एक मिसाल कायम करना जो दुनिया देखें और खेल की भावना की अहमियत समझें. किस्से ओलिंपिक में हम आज आपको रियो ओलिंपिक (Rio Olympic) के ऐसे ही खूबसूरत लम्हें की कहानी सुनाने जा रहे हैं.
रियो ओलिंपिक में महिलाओं के 5000 मीटर रेस के सेमीफाइनल में दर्शकों को कुछ ऐसा देखने को मिला जिसने उन्हें खेल की खूबसूरती दिखा दी. इस सेमीफाइनल रेस में कई खिलाड़ियों के बीच न्यूजीलैंड की निक्की हैंबलिन (Nikki Hamblin) और अमेरिका की ऐबे डी’अगोसटिनो (Abbey D’Agostino) भी थी जिनकी नजर फाइनल पर थी. दोनों मेडल तो नहीं जीत सकी लेकिन दोस्ती, हिम्मत और खेल भावना की मिसाल कायम कर दी. दोनों आज करीबी दोस्त हैं और मानती हैं कि रेस के उस एक लम्हें ने उन्हें हमेशा के लिए एक-दूसरे से बांध दिया.
जब जीत से ज्यादा अहम साबित हुई खेल भावना
रेस जब शुरू हुई तो सभी खिलाड़ी लगभग एक साथ ही दौड़ रहे थे. तभी अचानक न्यूजीलैंड की हैंबलिन ऐबे से टकराई और दोनों ट्रैक पर गिर गईं. निक्की दोबारा दौड़ने के लिए उठ गईं, हालांकि तभी वह पीछे मुड़ीं और उन्होंने देखा कि ऐबे नीचे गिरी हुई हैं, उनके घुटने में चोट लग गई थी. वह उठ नहीं पा रही थीं. हैंबलिन ने उन्हें हाथ दिया और उठाया और उन्हें फिर से दौड़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद ऐबे उठीं और उसी चोटिल पैर के साथ रेस पूरी की. उन्होंने 17 मिनट में यह रेस पूरी की. फिनिशिंग लाइन पर जब वह पहुंचीं तो हैंबलिन को गले लगा लिया.
दोनों को दिया गया था खास अवॉर्ड
निक्की 800 मीटर और 1500 मीटर में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीत चुकी थीं. उन्होंने 5000 मीटर में अपने कोच के कहने पर हिस्सा लिया था. निक्की के परिवार ने भी टीवी पर अपनी बेटी के इस कदम को देखा और सराहना की. उनकी बहन ने उन्हें निक्की को देखकर पहचाना और कहा, ‘यह तो निक्की है’. वह अपने परिवार में अपनी आंटी के सबसे करीब हैं. उन्होंने निक्की को देखते ही कहा, ‘यही तो हमारी निक्की है.’ हालांकि ऐबे को इस बात का अफसोस है कि वह फाइनल में जगह नहीं बना पाई थी. खुद को ओलिंपिक ट्रैक पर गिरा हुआ देखना वह कभी नहीं चाहती थीं. वह भले ही मेडल न जीत पाई हूं लेकिन खेल भावना दिखाने के लिए उन्हें और निक्की को खास पियरे डी काउरबर्टिन अवॉर्ड दिया गया था.