आज स्वीमिंग में हम ओलिंपिक चैंपियन के नाम पर माइकल फेल्प्स (Michael Phelps) को जानते हैं. वह खिलाड़ी जो जिसने ओलिंपिक (Olympic) में 28 मेडल जीते जिसमें 21 गोल्ड शामिल हैं. वह ओलंपिक इतिहास में सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी हैं. फेल्प्स के नाम इतने रिकॉर्ड दर्ज हैं कि उनकी चर्चा में एक किताब लिखी जा सकती है. हालांकि फेल्प्स आज के चैंपियन हैं लेकिन जब ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हुई उस समय पहले ओलिंपिक चैंपियन बनकर सामने आने वाले एलफर्ड हाजोस.
किस्से ओलिंपिक में आज हम एलफर्ड हाजोस (Alfred Hajos) की कहानी बताएंगे जो इन खेलों के पहले स्वीमिंग चैंपियन माने जाते हैं. हंगरी में अर्किटेक्ट की पढ़ाई कर रहे अरनोल्ड गटमैन किस तरह ओलिंपिक चैंपियन हाजोस बने. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर एथलीट की और हंगरी के नेशनल चैंपियन भी बने थे. उन्होंने 100 मीटर, 400 मीटर हर्डल और डिस्कस थ्रो में खिताब जीता था. साथ ही वह फुटबॉल भी खेले, लेकिन उन्हें पहचान मिली स्वीमिंग में.
ओलिंपिक के पहले स्वीमिंग चैंपियन
हंगरी में बतौर स्टुडेंट खेल में सक्रिय रहना आसान नही था. क्लास मिस करके मैदान पर समय बिताने की अनुमित नहीं हुआ करती थी. इसी वजह से हाजोस को भी काफी मुश्किल होती थी. यहां तक की जब वह ओलिंपिक चैंपियन बनकर वापस पहुंचे तभी भी उनके कॉलेज के प्रिंसिपल ने उनसे कहा था कि, ‘मुझे तुम्हारे ओलिंपिक मेडल में कोई दिलचस्पी नहीं है. मैं देखना चाहता हूं तुम अब टेस्ट में कैसा प्रदर्शन करोगे.’
वह पहले ओलिंपिक में हिस्सा लेने 1896 में एथेंस पहुंचे थे. उस समय जिस नदी में यह प्रतियोगिता आयोजित की गई वहां पानी बहुत ठंडा था. उन्होंने शरीर पर ग्रीस लगाकर तैराकी की. इसके बावजूद उन्होंने इन खेलों में उन्होंने 100 मीटर फ्रीस्टाइल और 1500 मीटर फ्रीस्टाइल में देश के लिए गोल्ड मेडल जीता था. यह दोनों गोल्ड उन्होंने एक ही दिन में जीते थे. वह 500 मीटर में भी मेडल जीतना चाहते थे लेकिन दो रेस के बाद उनका शरीर काफी थक गया था. वह इस खेलों में सबसे युवा गोल्ड मेडलिस्ट थे.
1924 में अर्किटेक्ट में जीता मेडल
खेलों में इस सफलता के बाद उन्होंने अर्किटेक्ट में भी देश के लिए मेडल जीता. साल 1912 में स्टॉकहोम में ओलिंपिक खेल आयोजित हुए थे. इन खेलों में आर्ट के इवेंट्स को शामिल किया गया था. इसके तहत पांच कैटेगरी में मेडल दिए गए थे. आर्किटेक्चर, साहित्य, संगीत, चित्रकारी और मूति बनाने के इवेंट को शामिल किया गया था. इन खेलों को पेंटाथेलॉन कहा गया था. 1924 के ओलिंपिक में हाजोस ने स्टेडियम का डिजाइन बनाया था जो जिसे सिल्वर मेडल दिया गया था.