बॉलीवुड की दुनिया ने हज़ारों लोगों की किस्मत बनाई और बिगाड़ी भी, शायद यही कारण है कि इसे माया नगरी का नाम दिया गया है. एक वक्त था जब सिंगर अनुराधा पौडवाल को हिंदी सिनेमा की अगली लता मंगेशकर माना जा रहा था….
बॉलीवुड की दुनिया ने हजारों लोगों की किस्मत बनाई और बिगाड़ी भी, शायद यही कारण है कि इसे माया नगरी का नाम दिया गया है. एक वक्त था जब सिंगर अनुराधा पौडवाल को हिंदी सिनेमा की अगली लता मंगेशकर माना जा रहा था, लेकिन अनुराधा के एक गलत फैसले ने सब कुछ बर्बाद कर दिया.
अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और जया बच्चन की सुपरहिट फिल्म ‘अभिमान’ (Abhiman) से अपने करियर का आगाज किया, इसके बाद उन्होंने ‘आशिकी’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘बेटा’ जैसी फिल्मों में अपनी आवाज देकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. जब वो अपने करियर के पीक पर थी तब उन्होंने फैसला किया कि वो अब सिर्फ गुलशन कुमार की म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज (T-Series) के लिए ही गाना गाएंगी.
अनुराधा पौडवाल को बॉलीवुड में उनका पहला ब्रेक गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) ने ही दिया था. उस वक्त हर सिंगर टी-सीरीज के साथ काम करना चाहता था और अनुराधा को ये मौका मिल गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब अनुराधा ने सिर्फ टी-सीरीज के लिए गाने का फैसला किया, उस वक्त फिल्म इंडस्ट्री का हर बड़ा निर्माता-निर्देशक उनके साथ काम करना चाहता था.
दूसरे सिंगर्स को मिला फायदा
अनुराधा के इस फैसले की वजह से दूसरी सिंगर्स को काफी फायदा मिला, जिनमें अल्का याग्निक का नाम सबसे पहले आता है. लगभग 5 सालों तक अनुराधा ने किसी और म्यूजिक कंपनी के साथ काम नहीं किया. गुलशन कुमार और अनुराधा के साथ काम करने से मीडिया में दोनों के अफेयर के किस्से फैलने लगे. फिर साल 1997 में 16 गोली मारकर मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन की हत्या कर दी गई थी.
गुलशन कुमार के निधन ने अनुराधा को झकझोर कर रख दिया था, जिसके बाद अनुराधा ने फिल्मों में गाना बंद कर दिया और वो भजन गानें लगीं. आपको बता दें कि अनुराधा पौडवाल ने न सिर्फ हिंदी में बल्कि बंगला, उड़िया, मराठी, तमिल और नेपाली भाषाओं में भी गाने गाए हैं.