मौसम की स्थिति में बदलाव के साथ सर्दियां आती हैं. इस वैश्विक महामारी के साथ अभी भी हम बीमार पड़ने और प्रतिरक्षा को खोने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं. आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत सारे अविश्वसनीय उपाय दिए गए हैं, जिनमें से एक है काढ़ा. विभिन्न जड़ी बूटियों और मसालों से काढ़ा तैयार किया जाता है. इसे बड़ी ही आसानी से बनाया जाता है और इसे बनाने में कुछ खर्च भी नहीं करना पड़ता क्योंकि घर में पड़े मसालों से इसे बनाया जाता है.
काढ़ा शरीर को कोल्ड और फ्लू से छुटकारा पाने में मदद करता है, साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है. तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ता है. अदरक से खांसी और जुकाम, कंजेशन और गले में खराश जैसी परेशानियों से छुटकारा दिलाता है. वहीं गर्म पानी गले के दर्द को ठीक करता है. काली मिर्च और लौंग गला साफ और बलगम को ढीला करने में सहायक के रूप में कार्य करते हैं. और अंत में शहद काढ़े का स्वाद बढ़ाने और एंटी इन्फ्लेमेटोरी गुणों का काम करता है. इस काढ़े से आप सर्दी जुकाम के बैक्टेरिया से बच सकते हैं.
काढ़ा बनाने की विधि:
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- 2 लौंग
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- दालचीनी (1/2 चम्मच)
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- कालीमिर्च पावडर (1 चम्मच)
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- बारीक कटी हुई अदरक (1 छोटा चम्मच)
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- शहद (1 चम्मच)
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- 5 तुलसी के पत्ते
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- गिलोय गुडूची (1/2 चम्मच)
तुलसी के पत्ते, काली मिर्च, लौंग और अदरक को कम से कम 30 सेकंड के लिए धीमी आंच पर सूखा भूनें.
एक पैन में दो कप पानी डालें और उसमें भूनी हुई सामग्री डालें और तेज कर दें.
इसमें शहद और दालचीनी मिलाएं.
गिलोय को पीसकर सामग्री में मिलाएं और उबलने दें.
इसे कुछ मिनटों के लिए उबलने दें और फिर मिश्रण को एक कटोरे में निकाल लें.
काढ़े को ग्लास में निकालें और पिएं.