Sidharth Shukla Death : मनोचिकित्सकों का कहना है कि सिद्धार्थ के फैंस और उनके चाहने वालों के लिए यह दुख की बात तो है ही लेकिन ऐसी घटनाओं से लोगों को सीखना चाहिए कि उनकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए.
Sidharth Shukla Death : एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत ने सबको चौंका दिया है. 40 साल के उम्र में इतनs फिट इंसान को हार्ट अटैक जैसी बीमारी हो सकती है, यह बात सबके जेहन में है. लोग सोच रहे हैं कि अगर कोई इंसान इतनी कम उम्र में दुनिया को छोड़ कर जा सकता है. तो जो लोग अपनी सेहत के प्रति सचेत नहीं है या वह कोई शारीरिक व्यायाम नहीं करते या कहें कि वह फिट रहने के लिए कुछ भी नहीं करते उनका क्या होगा ?
जिंदगी को रेस न बनाएं
ऐसे में मनोचिकित्सकों का कहना है कि सिद्धार्थ के फैंस और उनके चाहने वालों के लिए यह दुख की बात तो है ही लेकिन ऐसी घटनाओं से लोगों को सीखना चाहिए कि उनकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए. इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड एलाइड साइंसेज यानी (इहबास) के डायरेक्टर और मानसिक विशेषज्ञ डॉ. निमेश देसाई का कहना है कि सिद्धार्थ शुक्ला के मौत के बाद उनके फैंस में एक निराशा देखने को मिल रही है लेकिन मैं यही कहना चाहूंगा कि हर किसी को अपनी दिनचर्या पर ध्यान देने की जरूरत है कि जिंदगी कोई रेस नहीं है. न जाने क्यों सभी लोग भाग रहे हैं. हमें ठहर कर अपने मेंटल हेल्थ के ऊपर सोचने की जरूरत है.
ए पर्सनालिटी वाले लोगों में होता है तनाव
खासकर युवाओं में भागने की होड़ लगी हुई है. वो सब कुछ बहुत जल्दी पा लेना चाहते हैं. अपने लक्ष्य का पीछा करना अच्छी बात है लेकिन युवाओं को अपने खान-पान, लाइफ स्टाइल आदि सुधारने की जरूरत है. नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीधर द्विवेदी का कहना है कि इंसानों में एक ए और दूसरा बी और सी आदि कई तरह की पर्सनालिटी होती है. ए पर्सनालिटी वाले लोगों में अक्सर देखा जाता है कि वह कंपटेटिव और टाइम की ज्यादा परवाह करना करने वाले होते है. सिद्धार्थ भी ए पर्सनालिटी के व्यक्ति थे ऐसे लोगों में तनाव ज्यादा देखने को मिलते हैं. जो आगे जाकर कई मेंटल बीमारियों के कारण बनती हैं और किस्मत खराब हो तो हार्ट अटैक जैसी बीमारी हो जाती है.