Monday, December 23, 2024
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‘अगर मैं ‘पापड़ी-चाट’ के बजाय ‘ढोकला’ शब्द का इस्तेमाल करता तो क्या पीएम खुश होते’, बोले TMC सांसद डेरेक ओ’ब्रायन

संसद के मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बरकरार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में विधेयक पास करवाने की तुलना ‘पापड़ी चाट’ से होने के बाद कहा कि यह संविधान और जनता का अपमान है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने मंगलवार को कहा कि उनका इरादा गंभीर मुद्दे पर लोगों से जुड़ने के लिए एक सांस्कृतिक मुहावरे का उपयोग करना था. उन्होंने आगे पूछा कि अगर मैं पापड़ी-चाट के बजाय ‘ढोकला’ शब्द का इस्तेमाल करता तो क्या पीएम खुश होते?

उन्होंने जोर देकर कहा कि असली मुद्दा दोनों सदनों में बिना किसी चर्चा के विधेयकों को जल्दबाजी में पारित करना था और यहां तक ​​कि यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि “टीएमसी एजेंडा सेट कर रही है”. तृणमूल कांग्रेस सांसद ने सोमवार को सरकार पर जल्दबाजी में विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सात सात मिनट में एक विधेयक पारित कराया गया. डेरेक ओब्रायन ने एक ट्वीट में कहा था, ‘पहले 10 दिनों में संसद में कमाल! मोदी-शाह ने 12 विधेयक पारित कराए और इसका औसत समय सात मिनट प्रति विधेयक है. विधेयक पारित करा रहे हैं या पापड़ी चाट बना रहे हैं.’

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार को कहा कि पीएम मोदी टिप्पणी पर नाराज थे और इसे “सांसदों को चुनने वाले लोगों का अपमान” बताया. तृणमूल कांग्रेस नेता ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘टीएमसी एजेंडा तय कर रही है और पीएम जवाब दे रहे हैं. पीएम ने कहीं भी उस नंबर पर विवाद नहीं किया है जिसे हमने सात मिनट को लेकर रखा है. यह एक सांस्कृतिक मुहावरा है जिसे लोग समझते हैं. क्या पीएम खुश होंगे अगर मैं इसके बजाय ‘ढोकला’ का इस्तेमाल करता?’

काकोली घोष दस्तीदार ने बांटी मीडियाकर्मियों को चाट

ओ’ब्रायन ने कहा, ‘मैं लोगों की भाषा में बोलता हूं. मैंने एक गंभीर तथ्य लिया है और संदेश फैलाने के लिए एक लोकप्रिय सांस्कृतिक मुहावरे का इस्तेमाल किया है.’ सांसद और उनके लोकसभा सहयोगी काकोली घोष दस्तीदार ने मंगलवार को मीडियाकर्मियों को ‘चाट’ परोसी और यहां तक कि उनके हिस्से का स्वादिष्ट नाश्ता भी किया. दरअसल, 19 जुलाई से मानसून सत्र आरंभ हुआ था. लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.

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