देश कोरोना महामारी के दायरे को देखते हुए श्रम मंत्रालय की तरफ से उद्योग जगत के लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। ये दिशानिर्देश श्रम मंत्रालय और डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज यानि डीजीएचएस ने साझा तौर पर तैयार किए है। नए नियमों में साफ कहा गया है कि दफ्तरों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिटों में टॉयलेट के एग्जॉस्ट फैन चौबीसों घंटे चलाए जाएं ताकि वायरस को पनपने के लिए अनुकूल माहौल न मिले। वहीं ये भी कहा गया है प्रतिष्ठानों में सेंट्रलाइज्ड एसी के बदले कमरों में अलग से एसी लगाए जाएं।
वहीं ये भी कहा गया है कि कर्मचारियों के स्वाथ्य को लेकर सजग रहने की जरूरत है और कोरोना को देखते हुए नजदीकी अस्पताल से टाईअप किए जाएं और ऐसे माहौल में छुट्टियों की नीति को लेकर कोरोना को देखते हुए नई व्यवस्था बनाने पर भी जोर दिया गया है। नए दिशा निर्देशों के मुताबिक सीसीटीवी के जरिए कर्मचारियों पर नजर रखी जाए कि कहीं वो कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन तो नहीं कर रहे हैं। साथ ही लोग फर्श, दीवार जैसी जगहों को हाथ से न छुएं इसका खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है। दरवाजा खोलने के लिए हाथ के बजाए कोहनी को तरजीह देने को भी कहा गया है।
लोगों को एक दूसरे का कम्प्यूटर, पेन, फोन, काम करने के औजार और डेस्क का इस्तेमाल करने से भी रोकने की नीतियां बननी चाहिए। साथ ही लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों को भी तरजीह देने की जरूरत बताई गई है। गाइडलाइंस में ये भी कहा गया है कि कर्मचारियों पर नजर रखे जाने की जरूरत बहुत ज्यादा है। ऐसे माहौल में कोई भी कर्मचारी अगर गलती करे तो उसे वॉर्निंग दी जानी चाहिए और बार बार गलती करने वाले कर्मचारी के सालाना अप्रेजल में इसकी सजा दी जाने की भी सिफारिश की गई है।
साथ ही सभी कर्मचारियों के लिए ये भी हिदायत दी गई है कि वो दिन भर में जिन भी लोगों से मिलते हैं उसकी लिस्ट काम खत्म करते समय अपने सुपरवाइजर को जरूर दें ताकि किसी को कोरोना होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग आसान हो सके।