कोरोना वायरस के रोजाना सामने आ रहे रिकॉर्ड मामलों के बीच केंद्र सरकार लगातार वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में एक मई से 18 साल से ऊपर आयु के लोगों को टीका लगाया जाना है। केंद्र सरकार ने अब वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से टीके की कीमत को कम करने के लिए कहा है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। देश में 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए टीकाकरण शुरू होने के पहले सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट, भारत बायोटेक से कोविड-19 टीकों की कीमत कम करने को कहा है।
इस साल की शुरुआत में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में डीसीजीआई ने दो वैक्सीन्स- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी थी। इसके बाद जनवरी मध्य से ही दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया था। अब एक मई से 18 साल से ज्यादा उम्र के युवाओं को वैक्सीन लगाई जानी है। इसके लिए कंपनियों ने अलग-अलग कीमतें घोषित की हैं। सीरम जहां राज्य सरकार को एक डोज 400 रुपये में देगी तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों में यह कीमत 600 रुपये होगी। उधर, पिछले दिनों भारत बायोटेक ने भी कीमत का ऐलान कर दिया है। कोवैक्सीन की प्रति डोज प्राइवेट अस्पतालों को 1200 रुपये और राज्य सरकारों को 600 रुपये में दी जाएगी।
वैक्सीन की कीमतों का ऐलान किए जाने के बाद से ही विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार पर अलग-अलग दामों को लेकर हमला बोल रहे हैं। विपक्ष की मांग है कि वैक्सीन के दामों को एक रखा जाए। मालूम हो कि केंद्र सरकार को अभी एक डोज सिर्फ 150 रुपये में पड़ रही है। सीरम इंस्टीट्यूट ने कीमतों को बढ़ाने के पीछे तर्क दिया है कि ज्यादा वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए और रिसोर्स की जरूरत होगी, जिसकी वजह से दामों में बढ़ोतरी की गई है।
कई राज्यों में फ्री में होगा वैक्सीनेशन
एक मई से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन अभियान के लिए कई राज्य बड़े ऐलान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, केरल, राजस्थान समेत कई राज्य अपने यहां की जनता को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन लगाने की घोषणा कर चुके हैं। राजस्थान सरकार ने बताया है कि उनके राज्य में लोगों को वैक्सीन मुफ्त में लगाने का खर्च तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये आएगा। वहीं, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार एक करोड़ वैक्सीन का ऑर्डर भी दे चुकी है।