रिन्यूबल एनर्जी मिनिस्ट्री ने भारतीय शहरों को सौरीकरण (सोलराइज करने) पर विश्व बैंक के मदद से पिछले दिनों एक वेबिनार का आयोजन किया. इस वेबीनार के अलावा डिस्कॉम के अधिकारियों और सोलर एनर्जी एंबेसडर्स की तरफ से एक ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन भी ऑर्गनाइज्ड किया गया था. इस वेबिनार का आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत किया गया था जो कि 23 से 27 अगस्त 2021 तक आयोजित हो रहा है. इस सेशन के दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे भारत का हर शहर सोलर पावर की मदद से चलाया जा सकेगा और कैसे हर घर की बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.
22 राज्यों के शहरों की पहचान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इच्छा व्यक्त की थी कि प्रत्येक राज्य में कम से कम एक शहर सौर ऊर्जा आधारित होना चाहिए.ऐसा शहर जहां पर बिजली की सभी जरूरतें पूरी तरह से सौर ऊर्जा या अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरी होती हों. सौर ऊर्जा वाले शहरों को बिजली की कम लागत, कम उत्सर्जन और कम कार्बन डाइआक्साइड निकलने से काफी हद तक फायदा होगा.
वेबिनार के दौरान रिन्यूबल एनर्जी मिनिस्ट्री के सेक्रेटरी अमितेश सिन्हा ने बताया कि अब तक 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सौर ऊर्जा वाले नगरों के रूप में विकसित किए जाने वाले कई शहरों की पहचान की गई है. उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई हैं. इनके कार्यान्वयन के लिए शहर में बने घरों की छतों पर उपलब्ध अधिकतम जगह का इस्तेमाल करना होगा.
क्या हैं सरकार की योजनाएं
इन योजनाओं में रूफटॉप सोलर पैनल की स्थापना, अपशिष्ट प्रबंधन से ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, उपलब्ध क्षमता के अनुसार पवन, छोटे हाइड्रो व बायोमास जैसे अन्य ऊर्जा स्रोतों की खोज तथा सौर स्ट्रीट लाइट और सौर पेड़ों की स्थापना जैसे विकेन्द्रीकृत अनुप्रयोगों का इस्तेमाल करना शामिल है. विश्व बैंक के प्रतिनिधि ने शहरों के सौरीकरण के प्रमुख पहलुओं और दृष्टिकोणों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. इसके बाद एक टॉक सेशन का भी आयोजन हुआ था. इसमें देश भर से ऐसे नागरिकों ने हिस्सा लिया था जिन्होंने अपने घरों की छतों पर सोलर एनर्जी सिस्टम इंस्टॉल किया है. उन्होंने रूफटॉप सोलर सिस्टम से संबंधित अपने अनुभव और लाभों को साझा किया.
लगातार सोलर एनर्जी की तरफ बढ़ रहा भारत
भारत ने पिछले कुछ सालों में सोलर एनर्जी के क्षेत्र में बेहतर प्रयास किये हैं. उन्ही प्रयासों के तहत पीएम मोदी की तरफ से मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावाट की ‘रीवा सोलर प्रोजेक्ट’ का उद्घाटन किया गया था. इस परियोजना में एक सौर पार्क जिसका कुल क्षेत्रफल 1500 हेक्टेयर है, के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सोलर प्रोडक्शन यूनिट्स शामिल हैं.
इस सोलर पार्क के विकास के लिये भारत सरकार की ओर से ‘रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड’ को 138 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की गई थी. इस पार्क को ‘रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड’ ने विकसित किया है.ये ‘मध्य प्रदेश उर्जा विकास निगम लिमिटेड’ और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ‘सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ का ज्चॉइन्ट वेंचर है.