राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पैसे की भरपूर पैसे की व्यवस्था कराने की प्रक्रिया शुरू करा दी है। प्रदेश के सभी 75 जिलों को राज्य आपदा मोचक निधि से 225 करोड़ रुपये दे दिए हैं। बड़े जिलों को पांच-पांच करोड़ और छोटे जिलों को दो-दो करोड़ रुपये दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने शनिवार को शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि नोवेल कोरोना वायरस के दूसरे लहर को देखते हुए राज्य आपदा मोचक निधि से पैसे की व्यवस्था की गई है। इससे मेडिकल कन्ज्यूमेबिल्स यानी दवा, पीपीई किट, एन-95 मास्क, होम मेडिकल किट, थर्मल स्कैनर, आक्सीजन सिलेंडर आदि खरीदा जाएगा। इसे स्वाथ्य विभाग द्वारा निर्धारित दरों किया जाएगा। इसके साथ ही सर्विलांस एवं स्क्रीनिंग ऑपरेशन एवं कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए वाहर किराए पर भी लिया जा सकेगा। श्रेणी वन वाले जिलों में 15 और श्रेणी टू के जलों में 10 वाहन किराए पर लिए जा सकेंगे।
औषधियों व मेडिकल उपकरणों को खरीदने में स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों और वित्तीय नियमों का पालन किया जाएगा। जिस मद में पैसा दिया गया है उसी मद में उसे खर्च किया जाएगा। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की संस्तुति पर इन सामानों को खरीदा जाएगा। राज्य आपदा मोचक निधि की धनराशि का व्यय सक्षम अधिकारी द्वारा वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति प्रापत करने के बाद ही किया जाएगा। इस पैसे का उपयोग 31 मार्च 2022 से पहले कर लिया जाएगा। पैसा यदि बचता है तो उसे 31 मार्च 2022 से पहले समर्पित किया जाएगा।
शहरों में कोरोना से लड़ाई पर खर्च होगा एसएफसी का पैसा
शहरों में कोरोना से लड़ाई के लिए राज्य वित्त आयोग यानी एसएफसी का पैसा खर्च किया जाएगा। इसके लिए निकायों के पास बचे 149.50 करोड़ का इस्तेमाल किया जाएगा। सचिव नगर विकास अनिल कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। निकाय अधिकारी इसके आधार पर इस पैसे का उपयोग कर सकेंगे।
कमेटी से लेने होगी अनुमति
कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए निकायों को जरूरी सामान खरीदने की सुविधा दी गई है। इसके लिए राज्य वित्त आयोग के पैसों से इन सामानों को खरीदा जाएगा। इन पैसों को खर्च करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसमें सीडीओ, निकाय का प्रभारी अधिकारी या नगर आयुक्त, मुख्य कोषाधिकारी को सदस्य बनाया गया है और सीएमओ सदस्य सचिव बनाया गया है। निकायों को सामान खरीदने के प्रस्ताव कमेटी के समक्ष रखना होगा। कमेटी की मंजूरी के बाद सामान को खरीदा जाएगा।
इन पर खर्च होगा
जरूरी के आधार पर निकाय वाहन किराए पर ले सकेंगे। इसका इस्तेमाल कोरोना की रोकथाम के लिए सर्विलांस में किया जाएगा। इसके साथ ही सैंपिलंग व आरआरटी गतिविधियों के लिए खर्च किया जा सकेगा। ए श्रेणी वाले जिलों में अधिकतम 15 वाहन और बी श्रेणी वाले जिलों में 10 वाहन किराए पर लिए जा सकेंगे। जरूरत के आधार पर मानव संसाधन जुटाए जाएंगे। इसमें डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, स्टाफ नर्स, लैब टेक्नीशियन व सफाई कर्मी संविदा के आधार पर रखे जा सकेंगे।