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Saturday, September 28, 2024
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क्‍या सच में भारत से एक दिन पहले आजाद हुआ था पाकिस्‍तान. दोनों देशों के स्वतंत्रता दिवस अलग-अलग क्यों?

#PartitionHorrorsRemembranceDay: देश कल अपना 75वां स्‍वतंत्रता दिवस मनाने वाला है. पूरा देश इस अवसर को आजादी के अमृत महोत्सव के तौर पर मना रहा है. 15 अगस्त 1947 को हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी. इसी खुशनुमा पल को हर वर्ष सेलिब्रेट करने के लिए स्वतंत्रता दिवस मनाते आ रहे हैं.

यह दिन देशवासियों के लिए खुशियों से भरा होता है, लेकिन आजादी की वर्षगांठ के साथ ही देश को एक दर्द भी झेलना पड़ा था और वह है देश के बंटवारे का दर्द. 1947 में ब्रिटिश सरकार ने भारत छोड़ने का फैसला तो ले लिया, लेकिन 14 अगस्त 1947 की आधी रात देश भारत और पाकिस्तान, 2 टुकड़ों में बंट गया.

विभाजन की इसी पीड़ा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हैशटैग #PartitionHorrorsRemembranceDay के साथ ट्वीट कर इस निर्णय को एक अच्छी पहल बताया है.

अब हर साल ऐसा होगा कि हम विभाजन का दर्द महसूस करते हुए 14 अगस्त को Partition Horrors Remembrance Day मनाएंगे और पाकिस्तान इसी दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मना रहा होगा. हम बहुत चर्चा नहीं करते, लेकिन ये बड़ी अजीब बात है न कि 14 अगस्त को 12 बजे के बाद आजाद हुआ देश भारत और अस्तित्व में आया देश पाकिस्तान अलग-अलग तारीखों को अपना स्‍वतंत्रता दिवस मनाता है.

क्या पाकिस्तान एक दिन पहले आजाद हो गया था?

अंग्रेजों से एक ही दिन आजादी मिलने के बावजूद भारत 15 अगस्त को, जबकि पाकिस्तान 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है. बीबीसी पर वर्ष 2014 में लिखे अपने ब्लॉग में वुसतुल्लाह खान ने भी इस पर आश्चर्य जताते हुए लिखा था, “जब आप छुरी से एक खरबूजा काटते हैं तो उसके एक साथ ही दो टुकड़े हो जाते हैं या फिर एक टुकड़ा मंगलवार को कटता है और दूसरा बुधवार को?”

आगे वे विस्तार से समझाते हैं कि अंग्रेजों ने इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान को 1947 में 14 और 15 अगस्त के बीच की रात आजाद किया था. 12 बजते ही दो देश वजूद में आ गए थे. अब ऐसे में अगर एक देश को रात 12 बजे दो हिस्सों में बांटा गया तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि दोनों देश अपनी आजादी आगे-पीछे मनाएं!

मोहम्मद जिन्ना ने 15 अगस्त को दी थी मुबारकबाद!

खान लिखते हैं कि पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना 13 महीने जिंदा रहे थे और यही मानते रहे कि पाकिस्तान और भारत एक ही दिन एक ही समय में आजाद हुए मुल्क हैं. उनके मुताबिक, रेडियो पाकिस्तान हर साल जिन्ना साहब की आवाज में पहला बधाई संदेश सुनाता है, जिसमें जिन्ना कह रहे हैं कि 15 अगस्त की आजाद सुबह पूरे राष्ट्र को मुबारक हो.

लेकिन यह भी अजीब बात है कि मोहम्मद जिन्ना का यह बधाई संदेश हर साल 15 अगस्त की बजाय 14 अगस्त को सुनवाया जाता है. उनके मुताबिक, पाकिस्तान बनने के बाद आजादी की दो वर्षगांठ यानी 1948 और 1949 में स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया गया. लेकिन मो जिन्ना के गुजरने के बाद इस लम्हे को 24 घंटे पहले मनाया जाने लगा. और तभी से 14 अगस्त ही पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है.

भारत मनाएगा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

अब हर साल पाकिस्तान जिस दिन अपनी आजादी की वर्षगांठ मना रहा होगा, हम भारतीय विभाजन की पीड़ा को याद करेंगे और ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है.

आगे उन्होंने लिखा कि यह दिन हमें सामाजिक विभाजन, असामंजस्यता के जहर को दूर करने और एकता, सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की भावना को और मजबूत करने की आवश्यकता की याद दिलाता रहेगा.

गृहमंत्री अमित शाह बोले- विभाजन की टीस महसूस होती रहेगी

14 अगस्त को लोगों के संघर्षों और बलिदान को याद करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश विभाजन के घाव और अपनों को खोने देने की तकलीफ को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘देश के विभाजन का घाव और अपनों को खोने के दुख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता. मुझे विश्वास है कि #PartitionHorrorsRemembranceDay समाज से भेदभाव और द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम और एकता को बल देगा.’

उन्‍होंने लिखा कि यह सिर्फ एक देश का नहीं, बल्कि दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था. भारत मां के सीने पर बंटवारे का यह जख्म सदियों तक रिसता रहेगा और आने वाली नस्ले तारीख के इस सबसे दर्दनाक और रक्तरंजित दिन की टीस महसूस करती रहेंगी.

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