<p style=”text-align: justify;”>अनादि काल से ही पान या सुपारी भारतीय संस्कृति का एक जरूरी हिस्सा रहा है. गली के नुक्कड़ पर अक्सर ‘पानवाला’ नजर आ ही जाते हैं. इस अनूठे माउथ-फ्रेशनर को लेकर कई गाने भी बनाए गए हैं. कैफे का प्रचलन शुरू होने से पहले पान की दुकानें