प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में फैली महामारी के हालात को देखते हुए कोरोना प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस बैठक के दौरान पीएम-मुख्यमंत्रियों संग मीटिंग में नीति आयोग ने आने वाले पीक आवर पर चिंता जताई. एक तरफ जहां कोरोना का हर 24 घंटे का आंकड़ा रिकॉर्ड बना रहा है. इस बीच माना जा रहा है कि दूसरे स्टेज का पीक आवर 11 से 15 मई के बीच चरम पर होगा. पीक अवर के दौरान देश में कोरोना की दैनिक संख्या 5 लाख तक पहुंचने की संभावना है. हालांकि संक्रमण की रफ्तार जून-जुलाई तक कम हो सकती है.
विशेषज्ञों की माने तो मई के मध्य में सबसे ज्यादा जोखिम ज्यादा आबादी वाले राज्य को है. वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग में कोरोना के बढ़ते चेन को तोड़ने के कई उपायों पर भी प्रेजेनटेशन तैयार किया गया था. जिसमें वैक्सीनेशन अभियान, अस्पतालों में बेड की व्यवस्था, ऑक्सीजन की उपलब्धता शामिल थी.
ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही
कांफ्रेंसिंग में कहा गया कि अस्पतालों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही के लिए रेलवे और एयरफोर्स को तैनात किया गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों से सख्ती की जाए और आवश्यक दवाइयों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर कड़ाई होनी चाहिए.
सूत्रों के अनुसार, पॉल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में उन 10 राज्यों के स्वास्थ्य ढांचे के बेहतरी पर बात की जिनमें कोरोना के अधिक मामले सामने आ रहे थें. इन राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात शामिल हैं. इन राज्यों में से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली में इस महीने के अंत तक मामलों में सबसे बड़ी छलांग देखने की उम्मीद है. विशेषज्ञों की माने तो दिल्ली में इस महीने के अंत तक दैनिक गिनती 67,134 तक जा सकती है.
राज्य के पास नहीं है पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर
प्रेजेंटेशन में कहा गया कि कोरोना के बढ़ते मामलों के हिसाब से किसी भी राज्य के पास मामलों में उछाल से निपटने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. उपचार सुविधाओं की कमी के कारण मौतों की संख्या बढ़ सकती है. वहीं मीटिंग में कहा गया कि कोविड लहर अभी भी बढ़ रहा है. संभवतः मध्य मई तक यह अनुमान है कि मामले प्रति दिन 5 लाख या इससे भी अधिक तक जा सकते हैं. वहीं आने वाले दिनों में मौतों की संख्या भी बढ़ेंगी.