कोरोना वायरस के कहर के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया है कि एक मई से निजी अस्पतालों में 250 रुपये देकर कोरोना का टीका लगाने की सुविधा नहीं रहेगी। वहीं, सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर पहले की तरह ही 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को टीका मुफ्त लगाया जाता रहेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में एक मई से लागू होने जा रही नई टीकाकरण नीति का ब्योरा पेश किया।
इसमें उन्होंने कहा कि टीका बनाने वाली कंपनियां अपने उत्पादन की 50 फीसदी वैक्सीन राज्यों एवं अस्पतालों को देंगी। टीके के दाम उन्हें पहले ही घोषित करने होंगे। इसी के आधार पर निजी अस्पताल अपने टीके का मूल्य तय करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि 18 से अधिक आयु वर्ग में टीकाकरण राज्यों को अपने द्वारा खरीदे गए टीके से कराना होगा या फिर निजी अस्पतालों में टीके लगाने होंगे।
केमिस्ट की दुकान पर टीका नहीं
भूषण ने साफ किया कि दवा की दुकान पर टीकों की बिक्री नहीं होगी। टीकों की आपूर्ति उन्हीं अस्पतालों को होगी, जो कोरोना टीकाकरण प्रोटोकाल के तहत टीकाकरण करने की क्षमता रखते हैं। वहां टीके के दुष्प्रभावों के उपचार की सुविधा भी होनी चाहिए।
कोविन पर पंजीकरण
18 साल से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकरण के लिए कोविन पर पंजीकरण कराना होगा। भले ही वह किसी भी केंद्र पर टीका लगवाएं। पंजीकरण पूर्व में किया जा सकता है तथा मौके पर भी सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए जल्द ही कोविन पोर्टल में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।
आयातित टीके का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि यदि कोई कंपनी विदेशों से टीका आयात करती है तो उसके लिए केंद्र सरकार को आपूर्ति की बाध्यता नहीं होगी। यह उस पर निर्भर करता है कि वह राज्य सरकार को बेचे या फिर अस्पतालों को।
दूसरी डोज लेने वालों को प्राथमिकता
बताया गया कि जो लोग एक डोज लगवा चुके हैं, उन्हें तय समय पर दूसरी डोज लगवाने में प्राथमिकता देनी होगी। सभी प्रकार के टीकाकरण केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध करानी होगी।