प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के 83वें संस्करण के तहत आज राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘देश दिसंबर मे नेवी डे (Navy Day) और आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे (Armed Forces Flag Day) मनाने जा रहा है. इसके अलावा, 16 दिसबंर को 1971 के युद्ध का भी स्मरणीय जयंती वर्ष है.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘हमेशा की तरह ही इस बार भी मुझे NaMo App पर और MyGov पर आप सबके ढ़ेर सारे सुझाव भी मिले हैं. मुझे अपने परिवार का एक हिस्सा मानते हुए आप लोगों ने अपने जीवन के सुख-दुख भी मुझसे साझा किए हैं. सुझाव देने वालों में बहुत सारे नौजवान और छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं. मुझे वाकई बहुत अच्छा लगता है कि ‘मन की बात’ का हमारा ये परिवार निरंतर बड़ा तो हो ही रहा है, मन से भी जुड़ रहा है और मकसद से भी जुड़ रहा है और हमारे गहरे होते रिश्ते हमारे भीतर निरंतर सकारत्मकता का एक प्रवाह कर रहा हैं.’
‘पंचायत से संसद तक अमृत महोत्सव की गूंज’
आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ‘अमृत महोत्सव सीखने के साथ ही हमें देश के लिए कुछ करने की भी प्रेरणा देता है. देश-भर में आम लोग हों या सरकारें, पंचायत से लेकर संसद तक अमृत महोत्सव की गूंज हैं और लगातार इस महोत्सव से जुड़े कार्यक्रमों का सिलसिला चल रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आजादी में अपने जनजातीय समुदाय के योगदान को देखते हुए देश ने जनजातीय गौरव सप्ताह भी मनाया है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इससे जुड़े कार्यक्रम भी हुए. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में जारवा और ओंगे, ऐसे जनजातीय समुदायों के लोगों ने अपनी संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन किया.’
पीएम ने आगे कहा, ‘पिछले दिनों दिल्ली में ‘आजादी की कहानी-बच्चों की जुबानी’ कार्यक्रम में बच्चों ने स्वाधीनता संग्राम से जुड़ी गाथाओं को प्रस्तुत किया. खास बात ये रही कि इसमें भारत के साथ नेपाल, मॉरीशस, तंजानिया, न्यूजीलैंड और फीजी के छात्र भी शामिल हुए.’ वहीं, वृन्दावन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘वृन्दावन के बारे में कहा जाता है कि ये भगवान के प्रेम का प्रत्यक्ष स्वरूप है. हमारे संतों ने भी कहा है कि “यह आसा धरि चित्त में, यह आसा धरि चित्त में, कहत जथा मति मोर. वृंदावन सुख रंग कौ, वृंदावन सुख रंग कौ, काहु न पायौ और”.
‘स्वतंत्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का बड़ा योगदान’
पीएम आगे बोले, ‘हमारे स्वतंत्रता संग्राम में झांसी और बुंदेलखंड का कितना बड़ा योगदान है, ये हम सब जानते हैं. यहां रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाएं भी हुईं और मेजर ध्यानचंद जैसे खेल रत्न भी इस क्षेत्र ने देश को दिए हैं.’ उन्होंने प्रकृति के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा, ‘प्रकृति हमारे लिए खतरा तभी पैदा करती है जब हम उसके संतुलन को बिगाड़ते हैं या उसकी पवित्रता को नष्ट करते हैं. प्रकृति मां की तरह हमारा पालन भी करती है और हमारी दुनिया में नए-नए रंग भी भरती है.’
‘हमें प्रकृति को उसका असली रूप लौटाना चाहिए’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘हमारे देश में अनेक राज्य हैं, अनेक क्षेत्र है जहां के लोगों ने अपनी प्राकृतिक विरासत के रंगों को संजोकर रखा है. इन लोगों ने प्रकृति के साथ मिलकर रहने की जीवनशैली आज भी जीवित रखी है. ये हम सबके लिए भी प्रेरणा है. मेघालय में एक फ्लाइंग बोट की तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसमें नदी का पानी इतना साफ है कि हमें उसकी तलहटी दिखती है.’ हमारे आस-पास जो भी प्राकृतिक संसाधन है, हमें उन्हें बचाना चाहिए. उन्हें फिर से उनका असली रूप लौटाना चाहिए. इसी में हम सबका और जग का हित है.’
‘मेरे लिए प्रधानमंत्री पद सत्ता के लिए नहीं, सेवा के लिए है’
उन्होंने आगे कहा, ‘जालौन में एक पारंपरिक नदी है- नून नदी. नून यहां के किसानों के लिए पानी प्रमुख स्रोत हुआ करती थी. लेकिन धीरे-धीरे नून नदी लुप्त होने के कगार पर पहुंच गई. जालौन के लोगों ने इस स्थिति को बदलने का बीढ़ा उठाया. आज इतने कम समय में ये नदी फिर जीवित हो गई है.’ पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज भी सत्ता में नहीं हूं और भविष्य में भी सत्ता में नहीं जाना चाहता हूं. मैं सिर्फ सेवा में रहना चाहता हूं. मेरे लिए प्रधानमंत्री पद सत्ता के लिए नहीं है, सेवा के लिए है.’
‘स्टार्टअप की दुनिया में भारत विश्व का नेतृत्व कर रहा है’
वहीं, स्टार्टअप (Startups) को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्टार्टअप की दुनिया में आज भारत विश्व में एक प्रकार से नेतृत्व कर रहा है. साल दर साल स्टार्टअप को रिकॉर्ड निवेश मिल रहा है. ये क्षेत्र बहुत तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. देश के हर छोटे-छोटे शहर में भी स्टार्टअप की पहुंच बढ़ी है. आपको ये जानकार बेहद खुशी होगी कि अब यूनिकॉर्न (Unicorns) की दुनिया में भी भारत तेज उड़ान भर रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी साल एक बड़ा बदलाव आया है. सिर्फ 10 महीनों में ही भारत में हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बना है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजें बहुत मायने रखती हैं. पहली चीज है – आइडिया और इनोवेशन, दूसरी– जोखिम लेने का जज्बा और तीसरी– कैन डू स्प्रिट (Can Do Spirit) यानी किसी भी काम को पूरा करने की जिद्द. जब ये 3 चीजें आपस में मिलती हैं तो अभूतपूर्व परिणाम मिलते हैं.’